भैंसो तथा गायो मे आनेवाली बिमारी और ऊसके ईलाज,जाने पूरी जानकारी कौनसे बिमारि पे कौनसी दवाईया है सही भाग 1 मे देखें गे डेगनाला रोग(पूंछकटवा रोग),और निमोनिया रोग.

भैंसो तथा गायो मे आनेवाली बिमारी और ऊस के ईलाज भाग 1.

  दोस्तो हम जाने गे आज कौन-कौन सी मूलता भैंसो मे बिमारीया होती है ,और ऊस पे कौनसा ईलाज संक्षम है
तो चलो दोस्तो देखते है भैसो को होने वाली बीमारीया और ऊसपे फायदेमन्द ईलाज,

1) डेगनाला रोग (पूंछकटवा रोग)


ये रोग जादातर भैंसो मे पाया जाता है,गायो मे भी होता है पर भैंसो मे ईसकी मात्रा जादी पायी जाती है,
ये बिमारी का अब तक पूरी तरा से पता चल नही पाया की ये कैसे होता है ,पर ऐसी मांन्यता है की ये रोग फंगस (फफूद)से होता है, और जादा मात्रा मे नमयूक्त भूसा खिलाने से ये रोग होता है,कूच वैदन्यानिको का मानना है की ये रोग पोषक तत्व की कमी से भी होता है,

* ये रोग के लक्षन -
                          पशू भोजन करना बंद कर देता है तथा दिन भ दिन कमजोर होता जाता है, पशू के कान पूच खूर सूकने लगते है और अंत मे सड के गिर जाते है,

* बचाव कैसे करे ?  -
                     पशूओ को भूसा, चारा ,दाना फंगस तथा फफूद लगा हूवा चारा ना दे,
पशूओ को स्वच्छ जगहा पर रखे,
पशूओ को नियमीत तौर पर मिंन्रल मिक्चर दे,
डेरी फार्म मे नियमीत रूप मे फिनाईल या चूने के पानी का छीडकाव करे,

* ऊपचार -
            पशू के शरीर के संर्कमीत भाग को निम के पत्ते डाले हूवा पानी ऊबालकर ऊस पानी से ऊस संक्रमित जग हा को धो ले,और एन्टीसेप्टि क्रिम और एन्टोबायटीक का ईस्तेमाल करे, ये बिमारी की लागत होते ही तभी पशूचिकीत्सालय मे जाच कर ले ,ये बिमारी का शूरवात मे ईलाज करना बोहत अंच्छा ता है,

निमोनीया रोग 

Bovine Respiratory Disease )


               ये पशूओ को प्रभावित करने वाली सबसे आम बिमारी है,ये एक जटिल संक्रमित पशू रोग है, जो पशूओ के लिये घातक हो सकता है,ईसका संक्रमन आम तोर से तिन कारनो से होता है 1) तनाव ,2) वाय्रल सक्रमन 3) जिवानू संक्रमन,ईस रोग का निदान जटील है क्यू के ईसका नीदान के कही प्रभावीत कारन है,पाणी मे लगातार भिगते रेहने और सरदीयो के मौसम मे खूले जगहो पर बांदे जाने वाले पशूओ को,निमोनीया रोग हो जाता है,वातावरन का बदलाव भी ईस का कारन हो सकता है,अधीक बाल वाले पशूओ को नेहलाने के बाद सही ढंग से न पोचे जाने पर भी निमोनिया रोग हो जाता है,सूका और धूल की वजय सेभी ये रोग हो सकता है,
* लक्षन -
            ईस रोग मे पशूओ के शरिर का तापमान बडजाता है104‰ से ,के ऊपर शरीर का तापमान बड जाता है ,नाक से पानी बेहने लगता है,पशू कमजोर हो जाता है ,ऊस का चारा खानेका प्रमान भी कम हो जाता है,दूध देने का प्रमान भी कम होजाता है,पशू पूरी तरहा कमजोर हो जाता है,

* बचाव कैसे करे -
                         पशूओ को भिगने तथा थंड से बचाये, ये बिमारी की लागत हूवे पशूओ को गरम मे तथा साफ जगह पर रखे,

* उपचार -
              निमोनीया रोग मे 2 प्रकार के ऊपचार किये जातो है,
1) टिका करन और एन्टोबॉयटीक्स ये पशूचिकीत्सालय से करवाते है
2) घरेलू ऊपाय,मे गरम पानी मे टारपीन का तेल डाल कर ऊसकी भाप पशूओ को देते है,
              निमोनीया रोग पशूओ के लिये घातक हो सकता है ईस लिये लक्षन दिखते ही पशूचिकीत्सालय से पशूचिकीत्सक से राय ले के ऊपर बतायी गयी दवावो का ईस्तेमाल करे या पशूचिकीत्सक ने बताये हूवे दवाईयो का ईस्तेमाल करे,

           दोस्तो हमारे ब्लॉग से जूडे रहे ताकी हम आपको अच्छे अच्छे ब्लॉग आपके लिये बनाते रहे ,हमे फॉलो करना ना भूले ,भाग 1 मे हमने पशूओ के बिमारी औरऊस के ईलाज के बारे मे बताया भाग 2 मे बचे हूवे बिमारी के बारे मे बताने की पूरी कोशिष करेंगे दोस्तो,
            मे हू आप का दोस्त "तनविर शेख,"
                              धन्यवाद,🌴🐃

          
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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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