बकरीयो को होनेवाली बीमारी और ऊसके ईलाज की पूरी जानकारी भाग :- 2 .
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| Goat medicine. |
अगर आपने हमारा "बकरीयोको होनेवाली बीमारी और ऊसके ईलाज भाग :- 1 " नही देखा हो तो ☝क्लीक करके जरूर देखे,
दोस्तो तो भाग 2 मे जानते है ,बकरीयो के बीमारी और ऊसके ईलाज के बारेमे पुरी जानकारी,
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| afara disease in goat. |
अफरा रोग .
ईस रोग मे बकरीया खाना खानेके बाद बकरीयो का डाया या बाया तरफ का पेट फूल जाता है, जै से की ऊपर दी गयी फोटो मे ☝🐣 आप देख रहे हो,बकरीयो के पेट के ऐक हीस्से मे गॉस होनेके कारन बकरीयो का पेट फूलजाता है ,
* ऊपचार :-
घर मे ईस्तेमाल किया जानेवाला "मिटा तेल " बकरीयो को जीनको लागन हूवी है ,ऊन बकरीयो को ऐक चंम्मच पीला दे ,जल्द राहत मीलेगी,
ईस बिमारी को नजर अंदाज ना करे ईसमे बकरीयो की जान भी जा सकती है ,
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| बकरी की बीमारी का घरेलू इलाज |
खासी - जूकाम .
टेरामायसिन की ईनेजेक्शन दे या टेरामायसिन की टॉबलेट, ये होगया मेडीकली ईलाज थोडा घरेलू ईलाज भी देखलेते है ,हमे ये करना है की थोडा गूड और पीसा हूवा अदरक और हलीम के बीज ईसको हाला भी केहते है ईन तिनोके मिक्चर को मिलाके 10 से 15 मी ऊबाल ले, ऊबालने के बाद पानी को छान ले और थोडा थोडा खासी जूकाम हूवी बकरीयो को पीला दे 2/3 दिन ऐसा करे आपके बकरे खासी जूकाम से बिलकूल अंच्छे होजा़येगे,
और ऐक ईलाज दोस्तो आपके प्यारे बकरीयो के लिये, हमे क्या करना है सरसो का तेल मे कापूर मिला के ऊसे गरम करना है,और थोडा कोमट हो गये बाद बीमार बकरेके गला सिना फसलियो पे ईस तेल से मालिश करले फायदा होगा,
और दोस्तो आपके बकरीयो को कभी खासी जुकाम ना हो ईसलिये पहीलेसे तय्यार कैसे रहे ,ये हम आप को बताये गे दोस्तो हमे करना ये है की जब बकरा तंदकूस्त हो तभी कभी कबार आदे ग्सॉस तेल मे ऐक अंडा फेट के बकरीयो को पीला दे बकरीयो को खासी जूकाम आनेकी नोबत ही नही आऐगी,
और दोस्तो हमे ये भी खयाल रकना चाहीये दोस्तो थंड आते ही हमे बकरीयो को जमीन से जीतना ऊपर रकते आयेगा ऊतना रखनेकी कोशिष करे, या जूने कपडे रात मे ऊन के आंग को बांद दे जिस्से वो खासि जूकाम से बच सके,
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| asthma disease in goat. |
एक्थाइमा रोग.
ये रोग बकरीयोमे सरदीयोमे देखनेको मिलता है,वयस्क बकरीया जादा ईसके चपेट मे आजाते है,एक्थाइमा रोग होगये पशू को बाकीके पशू से दूर रके ये संक्रमीत पशू के चारा या पानी से या सहवास से फैल सकता है,रोग की लक्शन ईस प्रकार होती है की मूपे तथा जबडोपे फपोले यानी फून्सी या दाने जैसा मू और जबडा नजर आने लगता है,पैरोमे भी मस्से जैसे या फून्सीयो जैसे घट्टे आजाते है,
छोटे बच्चो को ये रोग हो गये बाद बकरीके बच्चो को सास लेनेमे तकलीफ मेहसूस होती है,और पतले दस्त लग जाते है,
*उपाय :-
बकरीयोके जीस भाग मे ये रोग फैला है,ऊस भाग को फिटकडी या पोटॉशियम परमॉगनेट के पानी से धोकर के ऐस्टिन्जन लोशन लगाये,या ऐन्टीबायोटीक का ईस्तेमाल करे ,ये बिमारी मे बकरीयो को बूखार आनेकी संभावना होती है ,ईसलिये जादा सावधानी बरते ,या आपने बकरीयो को नजदीकी पशूचिकीत्सालय मे ले जाये,
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| thanela disease in goat,शेळीमध्ये थेनेला रोग. |
स्थनेला रोग .
ये रोग बकरीयो के थन मे पाया जाता है,बकरीयो को दूछ देने मे और बकरीयो के बच्चो को दूध पीने मे तकलीफ मेहसूस होती है ,
*घरेलू उपाय -
5 ग्राम इसबगोल,
10 ग्राम सूट पावडर,
5 ग्राम लाहोरी नमक,
25 ग्राम रायी की पावडर,
20 एम एल टारपीन का तेल,
10 एम ऐल सरसोका तेल.
ईन सभी चीजो को मिक्स करके बकरीयो के थन की मालीश करे ये बहोत ही लाभ दायक है ,और बकरीयो के स्थनेला बीमारी को जड से निकाल नेमे मदत करता है ,
तो दोस्तो और बहोत सी बिमारी बकरीयोमे पायी जाती है,और ऊन बीनारीयोकी सविस्तर मालूमात हम आपको भाग 2 मे देने की पूरी कोशिष करेगे, हमारे ब्लॉग को फॉलो करते रहे , हमसे जूडे रहे,
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