Weight Gainer for Goats । बकरों का वजन बढ़ाने का जबरदस्त फँर्म्युला । हरे चारे में.
Weight Gainer for Goats |
दोस्तो हम गोट फार्म तो सूरू कर देते है,और उम्मीद भी उससे बडे मूनाफे की करते है,पर जो चीज की हमे सबसे जादा करने की जरूरत है , उस पे हम खरे नही उतर पाते,बकरी या तो बकरी फार्म मे बहोत होती है ,लेकीन मूनाफा कम, हर वक़्त एक बात देखने को मिलती है की बकरी यों पे खर्च करने के बजाय हम शेड पे जादा खर्च कर बेटते है, और जहासे मूनाफा आने वला होता है , उसपे खर्च करने पे सोचते है,तो ये गलती से हमे बचना है,अगर हमे मूनाफा कम आ रहा है तो ईस का क्या कारन हो सकता है?
ईसका हम ध्यान नही देते ,और हमे जीतनी उम्मीद होती है उतना मूनाफा नही मील पाता,
ईसका मेन कारन होता है हम बकरी यों को योग्य खूराक दे नही पाते है, तो चलो देखते है हमे क्या करना चाहीये जीस्से हमारे बकरे सूदरे और मूनाफा भी बडे.
| बकरी पालन में सुखा और हरा चारा. |
बकरी यो को चारा देते वक्त हरा चारा,और सूका चारा दो प्रकार का चारा देना अवश्य होता है,और साथ मे दाना देना भी आवश्य है, दाने से बकरी यों का वजन बढ़ने में काफी मदत होती है,दाने पे हमे भर देना अवश्य है,हरा चारा भी बहोतसे प्रकार का पाया जाता है, पर उसमें हमे ऊपयूक्त चारा चूनना चाहीये जींस में वीट्यामीन और प्रोटीन का प्रमाण जादा हो और बकरों के वज़न में बढ़ोतरी जादी होती रहे ,तो चलिए जानते हैं बकरी पालन में हमें हरे चारे में हमें कौन कौन सा हरा चारा देना चाहीए.
बकरी यों को हरा चारा कोन-कोनसा दे .
बकरी यों के हरे चारे में बहोतसे फसलें और झाड़ों का इस्तेमाल होता है,जीस्से बकरी यों के वजन बढ़ने में मदत होती है, हम आपको ऐसेे ही कूच फसलों के बारे मे बताऐंगे,जीस्से की आपकी बकरी यो की जादासे जादा वज़न बढ़ने में मदत हो.
1) मक्का घास .
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| मक्का चारा. |
अगर आप बकरी पालन कर रहे हो तो मक्का लगा सकते हो ,ईसका आपको दूगना फायदा होगा ,मक्के का दाना भी मीलेंगा और हरा चारा भी ,अगर आपको हरे चारे के रूप मे चाहीये तो आप बो भी सकते है ,अगर आपको दानो से भी मूनाफा चाहीये तो 1 -1 फूट की दूरी पे बी लगाये और दूगना मूनाफा पाए,
मका 3 नो त्रूतूमे लगा सकते हो ,पर मका तब ही लगाऐ जब आपके पास प्रयाप्त पानी मोजूद हो, क्यू के ईस फसल को प्रयाप्त पानी चाहीये होता है,मका बकरीी यों के लीये काफी फायदेमंद है,
2) CO3 - CO4 घास.
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| Co3-Co4 चारा. |
ये घास लगाने का फायदा ये है के आप इससे 12 महीने घास पा सकते हो,ईसको काट-काट के आप बकरी यों को दाल सकते हो ,अगर आपके पास प्रयाप्त पानी हो तो ये घास 12 महीने हरी भरी रहती है, बकरी यों के लीये उपयुक्त घास है,2-2 फूट जगा छोड़कर ईसकी लागत कर सकते है,ईस की लागत दो तरहाां से होती है,ऐक बी द्वॉरा और आप ईसकी दंडीया तोड-तोडके भी आपके खेतो मे लगा सकते है,
ईस घास को आप थंडी मे और बारेश मे लगा सकते है, 60-65 दीन में ये बकरी यों के खाने योग्य हो जाती है,आप ईसको कटर द्वारा काटके बकरी यों को दे सकते हैं,इससे बकरी यों के वजन बढ़ने में काफी मदत होती हैै .
3) रिजका-(अल्फा-अल्फा सिट) घास.
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| रिजका,अल्फा-अल्फा सिट चारा. |
एक बार बोने पे 4-5 साल जिंन्दा रहती है, ठंडी मे बोयी जाती है,12 माही फलदा यी पोदा है,ये पौदोका इस्तमाल पशूओ के चारे के लीये कीया जाता है, दूध देने वाली जानवरो के लीये ,और मास प्रदान करनेे वाले जानवर ,तथा घोडो,भेडो और बकरी यों को जादातर दीया जाता है, इससे पशु को काफी फायदा होता है,ईस का इस्तमाल दवायी बनाने के लीये बहोत सालो से कीया जा रहा है,प्रोटीन वीट्यॉमीन और अन्य पोषक द्ररव्यों का प्रमाण जादा पाया जाता है ,जो के पशूओ के लीये लाभदायी है, वीट्यामीण मे B-C-E-K प्रमाण अधीक होता है,सूके जमीन मे लगाया जाता है,
4) बरसीम घांस .
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| बरसीम चारा. |
अगर रीजका लगा रहे हो तो बरसीम ना लगाये,दोनो एक ही कीसम के पौदे है, हर पौदो की आपनी अलग पैचान होती है, पर कूच पोदो मे ऐक समान ही गून देखने को मीलते है, ईसलीये अगर आप रीजका लगा रहे हो तो बरसीम ना लगाये ऊसके बदले दूसरा कूच लगाये जीस्से आपका नूकसान भी ना हो और मूनाफाबी मीलता रहे,
5) ज्वार की घाास.
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| ज्वार का चारा. |
मक्के जैसी ही ईसकी बी लागण की जाती है,अगर घास के लीये की हो तो 60-65 दीन मे काटने लायक हो जाती है,अगर आपको दाना चाहीये हो तो 3-4 माह मे काटने लायक हो जाती है, ज्वार महाराष्ट्र के कूच हीस्से मे रोटी की तौर पे भी खायी जाती है ,जीस्से आपको दूगना मूनाफा मील सकता है,ये फसल कम पाणी में भी आजाती है ,जीनको पाणी की समस्या हो वो ईसका इस्तमाल कर सकते है,
6) बाजरा की घास.
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| बाजरा का चारा. |
ये फसल का इस्तेमाल दूधारू जानवरों के लीये जादातर कीया जाता है, ये घास मुलायम होने के कारण बकरी या जादा खाने में पसन करती है, 1से 1½ माह मे काटने लायक हो जाती है, 12 माह घास है, कम पानी में भी आह जाती है, ईसको बारीश या थंड मे लगा सकते हैं, बकरीयो के लीये ऊपयूक्त घास है,ईस्से फसल का उत्पन्न भी हम पा सकते है,
7) नेपीयर घास.
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| नेपियर का चारा. |
ईस घास को थंडी तथा बारीश मे लगाना योग्य है, एक बार लगाये बाद में पाच साल तक आप ईसका उत्पादन ले सकते हो, 12 माही घास है, 60-65 दीन मे काटने योग्य हो जाती है, अगर आप ईसको लगाने वाले हो तो एक बात का हर वक्त खयाल रखे ईसकी बार बार कटायी करना जरूरी है, वरना ये हदसे जादा फैल जाती है और आपके बाकी के फसलों को नूकसान पोहचा सकती है, पर ईसकी कटायी करते रहे तो ये आपको फायदेमंद है,
8) सूबाबूळ -(शेवरी)
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| बकरी पालन हरा चारा. |
कम पाणी मे बडनेवाला 12 माही झाड , बकरी रोका पसंदीदा खाना,कोयी साईडइफेक्ट नही,बारीश थंडी मे लगाये ,ये बकरीयो के लीये काफी पसंद्दीदा पाला है और बकरीयो के लीये काफी फायदेमंद,बहोतसे बकरी पालकों में ईसको लेकर काफी मतभेद है, ईस चीजो मे ना पडके ईसका इस्तेमाल करे ये सच मे फायदेमंद झाड है.
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