भैंसो तथा गायो मे आनेवाली बिमारी और ऊसके ईलाज,जाने पूरी जानकारी कौनसे बिमारि पे कौनसी दवाईया है सही भाग 3.

भैंसो तथा गायो मे आनेवाली बिमारी और ऊसके ईलाज,जाने पूरी जानकारी कौनसे बिमारि पे कौनसी दवाईया है सही भाग 3.

                      दोस्तो आज हम जाने गे पशूओ के रोगो के बारे मे ,अगर आपने हमारे पशूओ के रोग भाग 1,2  नही देखा हो तो जरूर देखे,cattlefarmingt1.blogspot.com
तो चलो दोस्तो जानते है पशूओ के रोगो के बारे मे,


5)ब्लैक क्वार्टर रोग

(लंगडा बूखार,क्रष्णजंघा,लंगडीया,एक्टंगा,जहरबादी)


               पशूओ मे होने वाले विशेष रोगोमे से ऐक रोग है ,ये एक जिंवानूजनीत रोग है,जो की बरसात मे या बरसात आने के पहीले(ऐप्रिल-जून) मे होता है,बचडो मे या यूवा पशूमे ये रोग एेप्रिल तथा जून मे होता है,
*लक्षण -
            साधारन बूखार आता है,पशू के मास वाले जगह पेर तथा पिठ पे सूज आती है,जिसै की वो लंगडा के चलने लगते है,ईस रोग से पिडीत पशू बैठा रेहता है या सोया रेहता है,सूजन आयी जग हा ठंड पडजाती है ,या जलन होने लगती है,जिस्से दबाने से चरचरकी आवाज आती है,
*उपचार -
              नियमीत टिकाकरन लगाये,4 माह से 3 वर्ष के पशूओ को प्रती वर्ष में के महीने मे  टिका करन जरूर करे,
सूजन वाले जगह मे चिरा लगा के हॉड्रोजन पेरॉक्साइड,पोटॉशियम परमेंगनेट से ड्रेसिंग जरूर कराये,
*बचाव -

             पशू शेड को हमेशा साफ रखे, समय पे टिका लगवाये,बिमार पशू को अलग रखे,ये बिमारी के लक्षण दिखते ही नजदीकी पशूचिकीत्सालय से जरूर सला ले,अगर इस दम्रीयान पशू की मूत्यू हो जाती है तो पशू को बोरी मे डाल के 2/2½ मिटर खंड्डा खोद के ऊसमे अच्छीतरा दफना दे, जिस्से की अन्न्य पशूओ मे ये रोग ना फैले, ये रोग के बारे मे ईतना ही अब जाने गे आगली रोग के बारे मे,

6)सर्रा रोग


           आज हम जाने गे सर्रा रोग के बारे मे तो चलो दोस्तो देखते है,ये रोग पशूओ के लिये बहोत ही घातक है ये रोग जादातर घोडो मे पाया जाता है,उसी के साथ साथ ये रोग अन्य पशूओ मे भी पाया जाता है,ये रोग दूधारू पशूओ को जादा प्रभारीत करता है,सर्रा रोग के कारन पशूओ मे दूध की कमी आ सकती है,ये रोग पशू ओ के खून मे ऐक खूनी प्रजिवी के वजय से होता है,
सर्रा रोग की खोज ईडीया मे ही 1880 मे पंजाब मे ही की थी, ये रोग डास मंच्छी काटने से होता है,

डांस मंख्खी का मूख्य भोजन खून ही है ,उसी से ये रोग पशूओ मे होता है,ये डांस मख्खी जब सर्रा रोग से पिडीत पशू का खून चूसता है और फिर दूसरे पशू का खून चूसने जाता है तो सर्रा रोग पिडीत पशू के रोग दूसरे पशू मे छोड देता है, और ईसी प्रकार ये रोग का संक्रमन होता है,
 *लक्षन -
             जब पशू को संर्रा रोग होजाता है तो पशू को रेह रेह कर माने 2/3/4 दिन बाद बूकार आता है,संर्रा रोग होने के बाद पशू गोल गोल घूमने लगते है,पशू आपने सर को कठोर जगहपे जोर जोर से मारता है,सर्रा रोग पिडीत पशू के खून मे ग्लूकोज के मात्रा की कमी आजाती है,दूधारू पशू का दूध देने का प्रमान कम होजाता है,दूधारू पशू के शरिर मे खून का दर कम हो जायेगा जिस्से वो दूबले पतले हो जाये गे,दूधारू पशू थोडी थोडी देर मे पेशाब करने लगता है,
दूधारू पशू का पिचला हिस्सा ऊट नही पाये गा,और अगले पेर से ऊट पाये गा लेकिन पिचले पैर से ऊट नही पाये गा ईसे ह्यॉडलिग प्यॉरालायसीस कहते है,जो डांस मख्की के वजय से ये रोग होता है ,वो डास मख्की पशूओ के खून मे के हिमोग्लोबीन को खालेते है, जिस्से पशू कमजोर होता जाता है, और पशू के सर ने हिमोग्लोबिन न पोचने के कारन पशू कठीन जगहा पे सर पटकने लगता है,
*उपचार /खबरदारी -
                           पशूओ को सर्रा रोग ना हो ईसलिये पशू पालको को आपना गोटा साफ रखना होगा,गोटे के आवार मे पानी या कूडा ना रहने दे,ईस रोग की मूल परेशानी ये है की अभितक ईसका कोही टिका भी ऊपलब्ध नही,जब भी पशूओ मे सर्रा रोग के लक्षन दिखाायीलदे तो ऊसे बाकी के पशू से अलग कर दे,ये रोग जादातर पशूओ को बारिश मे होता है,क्यू के जब डांस मक्खी का प्रकोप जादा होता है,ईसका टिका ऊपलब्द नही पर भी ईस रोग की दवाईया माक्रेट मे ऊपलब्द है,जिसे डॉक्टर के सला से दिया जासकता है,पशूचिकीत्सक के संल्लो से उने जरूर दे,
भाग 1,2,3 मे हमने पशूओ के रोगो के बारे मे देखा भाग 4मे हम आप को और पशूओ के बिमू़ारि के बारे मे बताने की कोशिश करेगे ,मै हू आपका दोस्त तनविर शेख ,
हमारे ब्लॉग से जूडे रहे,
धन्यवाद🌴.
SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें